संगमे धरना पर मदन मोहन झा सेहो बैस रहलाह आ कहलनि जे अनुदान राशिमे देरीक एकमात्र कारण अधिकारी छथि। कतेको बेर मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक निर्देशक सेहो अधिकारी लोकनि अनदेखी कयने छथि। आब एतय देखल जाए तऽ तेजस्वी यादवक ओहि बातक सेहो पुष्टि होइत अछि, जाहिमे ओ कहने छलथि जे मुख्यमंत्री नीतीश कुमारकेँ कियो नहिं सुनैत अछि।
बिहारक वित्तरहित शिक्षक शुक्रदिन ३० अगस्तकेँ पटनामे धरना पर बैसल छलथि। शिक्षक लोकनि बिहार विधान परिषदक सदस्य मदन मोहन झाक निवासक घेराव कयलनि किएक तँ मदन मोहन झा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रसँ परिषदक सदस्य छथि। मदन मोहन झा सेहो एहि शिक्षकक संग धरना पर बैसल छलाह। एहि दौरान शिक्षक लोकनि बिहार सरकारसँ अधिकारक माँगक लेल गीत गाबि विरोध कऽ रहल छलाह। मदन मोहन झा कहलनि जे सरकारक नियम अछि जे वित्तरहित शिक्षककेँ अनुदान देबय पड़ैत अछि, मुदा एहि शिक्षकसभकेँ पिछला ८-९ सालमे कोनो अनुदान राशि नहिं भेटल अछि।
मदन मोहन झा कहलनि जे नीतीश कुमार कहने छलाह जे अनुदान राशि देल जाय, देरी नहिं करू। मुदा अधिकारी सभक कारणेँ एहि शिक्षकसभक अनुदान राशि नहिं भेटि रहल अछि। अनुदान राशिमे देरीक एकमात्र कारण अधिकारी छथि। विधान परिषदक अध्यक्ष, माननीय उपमुख्यमंत्री आ सभ सदस्यक सोझाँ ई निर्णय लेल जाइत अछि। एहि बातपर सहमति बनल अछि जे एहि शिक्षकसभकेँ समय पर अनुदान देल जेबाक चाही, तैयो हुनका नहिं देल जाइत अछि।
एमएलसी कहलनि जे कतयसँ देरी भऽ रहल अछि, कतए पेंच फँसल अछि। ओ देखब बाकी अछि। शिक्षाक मामिलामे अधिकारी लोकनि मुख्यमंत्री नीतीश कुमारक निर्देशक सेहो कतेको बेर नजरअंदाज कए चुकल छथि। देखल गेल अछि जे नीतीश कुमारक बयान शिक्षाक मुद्दा पर दुनू सदनमे आयल छल मुदा अधिकारी लोकनि एकरा अनदेखा कऽ देलनि। आइ एहि शिक्षकसभक मांग एकदम सही अछि।
धरना पर बैसल एकटा शिक्षक कहलनि जे २०१६ सँ हमरासभकेँ अनुदानक राशि नहिं भेटल अछि। अनुदान राशिकेँ रोकि देल गेल अछि, ई विधान परिषदक सभ सदस्यकेँ ज्ञात अछि। बिहारमे १४०० सँ बेसी एहन संस्थान अछि, जकरा सरकार द्वारा मान्यता देल गेल अछि। ई संस्थान सरकारक शक्ल नामांकन अनुपातमे ५०% सँ बेसी केर भूमिका निभाबैत अछि। ४० सँ ४५ हजार एहेन शिक्षक छथि, जिनका वेतन नहिं भेटैत छल। एहेन शिक्षककेँ अनुदानक नाम पर राखल गेल छल। अनुदान सेहो २०१६ सँ बन्द कऽ देल गेल अछि, अनुदान बन्द भेलाकेँ ८ सँ १० साल भऽ गेल अछि।
शिक्षक कहलनि जे ई सोचबाक विषय अछि जे शिक्षक कोना जी रहल छथि ? हम सभ आइ सड़कपर छी किएक तँ हमरासभ लेल जीयब-मरबाक प्रश्न उठि गेल अछि। हमर माता-पिता जे सपना बुनने छलाह से हम पूरा नहिं कए सकलहुँ। आइ हमर बच्चा सभ एक-एक रुपयाक लेल मोहताज अछि। हम सरकारसँ माँग करैत छी जे वित्तरहित अनुदान हमरा सभकेँ देल जाय आ हमर राशि महीनामे तय कयल जाय जाहिसँ हम अपन परिवार चला सकब।