विकास

एशियाक दोसर सबसँ पैघ फिजिकल मॉडलिंग केंद्र १०८ करोड़क लागतसँ तैयार

सुपौल समदिया
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वीरपुर एशियाक दोसर सबसँ पैघ फिजिकल मॉडलिंग केंद्र १०८ करोड़क लागतसँ पूरा भेल अछि। आब एकर उद्घाटनक प्रतीक्षा अछि। उद्घाटनक बाद एतय नदीक प्रवाहमे परिवर्तनक अध्ययन कयल जायत। पहिने कोसीक अभिलेख सभ प्रकारक शोधक लेल पुणे पठाओल जाइत छल। नदीक प्रवाहक अध्ययन कयलासँ एकर स्वरूप बदलल जा सकैत अछि। प्रवाहक दिशा बदलि तटबन्ध पर दबाव कम कयल जा सकैत अछि। कोसी नदीक सबसँ पैघ समस्या गाद आ बालु अछि। भौतिक मॉडलिंग केन्द्रक नियमित काज शुरू भेलाक बाद जतय एक दिस उत्तर आ पूर्वी भारतक विभिन्न नदीक पानिक अध्ययन कयल जायत। संगहि कोसीमे निकलय वाला बालू केर समस्या पर सेहो शोध कयल जायत। कोसी नदीक विशेषज्ञक अनुसार, कोसी नदीमे प्रत्येक वर्ष ९ करोड़ टन बालु अबैत अछि। ई गाद आ बालु हर साल नदीक प्रवाहकेँ प्रभावित करैत अछि आ तटबन्ध पर एकर बहुत प्रभाव पड़ैत अछि। मुदा, मॉडलिंग रिसर्च सेंटरमे बालु पर काज करबाक कोनो चर्चा नहिं अछि। बादमे बालु शोधपर सेहो काज कयल जा सकैत अछि, जे भविष्यमे एकटा मीलक पाथर साबित होयत। कोसी नदीक तटबन्धक रक्षा आ बालु साफ करबा पर हर साल २००-३०० करोड़ टाका खर्च होइत अछि। एतबे नहि, जखन ई पानि कोसीक मुख्य नहरि धरि पहुँचैत अछि तखन पानिक सङ्ग बालु नहरमे सेहो पहुँचि जाइत अछि। ई बालु नहरक बेड लेवल स्तरसँ पाँचसँ छह फीट ऊपर जाइत अछि। एहि कारणेँ नहरमे पैघ स्तरपर पानिक प्रवाह नहिं होइत अछि आ लाखो हेक्टेयर फसिलक पटवनमे समस्या होइत अछि। लगभग चारि साल पहिने सुपौलमे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग केर माध्यमसँ फिजिकल मॉडलिंग सेंट्रल केर आधारशिला रखलखिन। तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय झा १० सितंबर, २०२० केँ एकर भूमिपूजन समारोह कयने छलाह। भूमि पूजनक दौरान मंत्रीक संग क्षेत्रीय विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू सेहो आसान पर विराजमान आ अपन हाथसँ भूमि पूजन कए स्थल पर ईंट जोड़ि निर्माण कार्य शुरू कयलथि। एहि दौरान तत्कालीन मुख्य अभियंता प्रकाश दासक अतिरिक्त विभागीय अभियंता सेहो उपस्थित छलाह। मंत्री संजय झा, स्थानीय विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू आ अन्य लोकनि सेहो लगमे बनल शिलापट्क अनावरण कयलनि। फिजिकल मॉडलिंग सेंटरक निर्माण कंपनी चेवरॉक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेडक एमडी पवन कुमार सिंह कहलनि जे निर्माण कार्य तीन मास पहिने पूरा भऽ गेल अछि। उद्घाटनक तिथि एखन धरि तय नहिं भेल अछि। विभागीय मानक आ काजक गुणवत्ता पर कोनो समझौता नहिं भेल अछि। निर्माणक अवधिमे विभागक स्थानीय अभियन्ता समय-समय पर निरीक्षण कयलनि अछि। संगहि अपर मुख्य सचिव आ जल संसाधन विभाग मंत्री सेहो काजक निरीक्षण कऽ रहल छथि।

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