मैथिली अकादमीक दुर्दशा पर मैथिली भाषा-भाषी सभमे रोष : चेतना समिति

पटना समदिया!! मैथिली अकादमीक बदहाल स्थिति पर चेतना समिति गम्भीर चिन्ता व्यक्त कयलक।
मिथिला आ मैथिली भाषा-भाषीक शीर्षस्थ संस्था चेतना समिति बिहार सरकारक ध्यान “मैथिली अकादमी” केर दयनीय आ लगभग निष्क्रिय स्थिति दिसि आकृष्ट करैत गम्भीर चिन्ता व्यक्त कएलक अछि।
समितिक अध्यक्ष विवेकानन्द झा कहलनि जे वर्ष 1976 ई. मे मैथिली भाषा, साहित्य, कला आ संस्कृति केर संरक्षण-संवर्द्धनक उद्देश्यसँ गठित मैथिली अकादमी आइ अपन मूल उद्देश्यसँ भटैक गेल अछि आ अस्तित्वक संकटसँ जूझि रहल अछि।
आगू ओ अकादमीक उपलब्धि पर प्रकाश दैत कहलनि जे प्रारम्भिक वर्ष सभमे मैथिली अकादमी स्तरीय पुस्तक प्रकाशन, पत्रिका प्रकाशन, व्याख्यानमालाक आयोजन, भाषा-संरक्षण, शोध आ पाण्डुलिपि संरक्षण जेकाँ महत्वपूर्ण काज कयने छल। अकादमी द्वारा प्रकाशित अनेक पुस्तक बिहारक विभिन्न विश्वविद्यालय सभक पाठ्यक्रममे सेहो सम्मिलित भेल, जे एकर उपलब्धिक सशक्त प्रमाण अछि।
चेतना समितिक सचिव एहि सन्दर्भमे माननीय मुख्यमंत्री सहित शिक्षा मंत्री आ शिक्षा विभागक सचिवकेँ पत्र लिखि अविलम्ब अकादमी पुनः चालू कए सक्रिय करबाक मांग कयने छथि। ओ कहलनि जे समयक संग अकादमीमे कार्यरत कर्मचारीक संख्या निरन्तर घटैत गेल। कार्य समिति आ सामान्य परिषदक गठन नहि भऽ सकल, पूर्णकालिक अध्यक्ष, निदेशक जेकाँ महत्वपूर्ण पद रिक्त रहल आ अन्ततः स्थिति एहेन भेल जे अकादमी लगभग कर्मचारी-विहीन भऽ गेल अछि। अकादमीमे उपलब्ध बहुमूल्य पुस्तक आ साहित्यिक धरोहर सभक देखरेख करऽ वाला कियो नहि अछि, जे करोड़ों मैथिली भाषा-भाषी सभ लेल अत्यन्त पीड़ादायक आ निराशाजनक स्थिति अछि।
समिति ईहो कहलनि जे एहि गम्भीर विषय पर विभिन्न स्तरसँ सरकारक ध्यान निरन्तर आकृष्ट कराओल गेल, मुदा सुधारक बदला स्थिति आरो बदतर होइत गेल। वर्तमान समयमे मैथिली अकादमी लगभग अस्तित्वहीन प्रतीत भऽ रहल अछि।
एहि सन्दर्भमे चेतना समिति बिहार सरकार, विशेष रूपसँ माननीय मुख्यमंत्रीसँ आग्रह कएने अछि जे मैथिली भाषा-भाषीक भावना केर सम्मान करैत मैथिली अकादमीकेँ अविलम्ब सुव्यवस्थित ढंगसँ संचालित करबाक लेल ठोस आ प्रभावी कदम उठाओल जाय, जाहिसँ ई संस्था फेरसँ पूर्ववत अपन गरिमा आ उद्देश्य प्राप्त कए सकए।
समितिकेँ आशा अछि जे सरकार एहि गम्भीर विषय पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेत।
अवधेश झा : मीडिया प्रभारी (चेतना समिति, पटना)
