उत्तर प्रदेशक पूर्व मुख्यमंत्री मायावती रवि दिन कांग्रेस पर कड़गर प्रहार कयलनि। मायावती सोशल मीडिया अकाउंट एक्ससँ एकटा लम्बा पोस्ट शेयर कयलनि। पोस्टमे लिखलनि, डॉ. भीमराव अम्बेडकरक अनुयायीसभ कांग्रेस पार्टीकेँ कहियो माफ नहि करत।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी २४ अगस्तकेँ प्रयागराजमे संविधान समारोहक आयोजन कयलक। बसपा सुप्रीमो मायावती एहि आयोजन पर आपत्ति जतौलनि आ कहलनि जे बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकरक अनुयायी कांग्रेस पार्टीकेँ कहियो माफ नहिं करत, जे काल्हि प्रयागराजमे संविधान सम्मान समारोह आयोजित कयलक, जे संविधानक मुख्य निर्माता बाबा साहेबकेँ हुनका जीवैत आ हुनक मृत्युक बादो भारत रत्नक उपाधिसँ सम्मानित नहिं कयलक।
ओ कांग्रेस पर कतेको आरोप लगओलनि। ओ अपन पोस्टमे आगू कहलनि, बाबा साहेबक आन्दोलनकेँ गति देनिहार कांशीरामक निधनक बाद ई इएह कांग्रेस केन्द्रमे अपन सरकार केर रहैत हुनक सम्मानमे एक दिनक पर्यंत राष्ट्रीय शोकक घोषणा नहिं कयलक आ सपा सरकार सेहो राजकीय शोकक घोषणा नहिं कयलक। एकर एहेन दोहरा सोच, चालि आ चरित्रसँ अवश्य सजग रही। संगहि, केंद्रमे भाजपाक सत्तामे आबयसँ पहिने कांग्रेस अपन सरकारमे राष्ट्रीय जातीय जनगणना किएक नहिं करौलक, जे आब एकर बात कऽ रहल अछि, जवाब देबाक चाही। जखन कि बसपा सदैव एकर पक्षमे रहल अछि, किएक तँ कमजोर वर्गक हितमे ई बहुत महत्वपूर्ण अछि।
एतबहि नहिं, संविधानक अन्तर्गत अनुसूचित जाति आ अनुसूचित जनजातिकेँ देल गेल आरक्षणमे वर्गीकरण आ क्रीमी लेयरक माध्यमसँ एकरा निष्प्रभावी आ समाप्त करबाक चलि रहल षड्यन्त्रक विरोधमे कांग्रेस, सपा आ बीजेपी केर चुप्पी, की इएह हुनक दलित प्रेम अछि।
की एहि आरक्षण विरोधी दल जेना सपा आ कांग्रेस आदिक संग ई उचित होयत जे ओ कोनो चुनावमे, एससी, एसटी आ ओबीसी वर्गक हितमे हुनकालोकनिक सङ्ग कोनो गठबन्धन करथि। ई किन्नौंह नहिं होयत, तेँ आब हिनका सभकेँ अपन दम पर ठाढ़ होबय पड़त।