वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह बृहस्पतिकेँ ‘ऑपरेशन सिंदूर’केँ राष्ट्रीय जीत कहलनि। ओ कहलनि ‘हम जे ऑपरेशन सिंदूरक बारेमे बात कय रहल छी, ई एकटा राष्ट्रीय जीत अछि। हम प्रत्येक भारतवासीकेँ धन्यवाद दैत छी। हम विश्वास करैत छी जे प्रत्येक भारतीय एही जीतक अपेक्षा कय रहल छल।’
ओ कहलनि, ‘जेना बा
बेर-बेर कहल गेल अछि जे ई एकटा एहेन ऑपरेशन छल, जे सबहक द्वारा बहुत पेशेवर तरीकासँ अंजाम देल गेल, अर्थात सभ एजेंसी, सभ बल, हम सभ एक संग ऐलौंह, जखनि सत्य संग होइत अछि, तँ सब किछु अपने-आप सही होइत जाइत अछि।’
ओ कहलनि, चाहे जमीनक ताकत होय वा जलक वायुसेना सदिखन सभठाम रहत। वायुसेना एहि दुनूक लेल सहयोगी रहैत छैक। कोनो ऑपरेशन बिना वायुसेनाक नहि कयल जा सकैछ। एहि ऑपरेशनक दौरान सेहो ई बहुत नीकसँ साबित भेल अछि। संगहि हमरा सभ आब भारतमे मात्र उत्पादन पर बातचीत नहि करी। हमरा सभकेँ भारतमे डिजाइनिंग आ विकास सेहो शुरू करबाक जरूरत अछि। जखनि संख्यामे उत्पादनक बात अबैत अछि तँ क्षमता सामने अबैत अछि। एहि कारणेँ हमरा सभकेँ सेनाक आ उद्योगक बीच एहि विश्वासकेँ बना कय रखबाक जरूरत अछि। हमरा बात करैत रहबाक जरूरत अछि। हमरा एक-दोसराक संग खुलैत रहबाक जरूरत अछि। जाहिसँ ई संबंध अटूट रहय। ‘प्राण जाय पर वचन न जाए’ रक्षा मंत्री आई कहलनि अछि। हमरा एहेन करबाक जरूरत अछि। एक बेर जे हम कहलौं तकर बाद तँ हम अपनों नहि सुनैत छी, एहेन करबाक जरूरत अछि।
वायुसेना प्रमुख कहलनि, ‘समयसीमा एकटा पैघ मुद्दा अछि। कारण एक बेर समयसीमा तय भऽ गेलाक बादो भरिसक एकोटा परियोजना समय पर समाप्त नहि भेल अछि। हमरा सभकेँ एहिपर गौर करब आवश्यक अछि। हम एहेन वादा कियैक करी जे पूरा नहि भऽ सकय ? अनुबंध पर हस्ताक्षर करैत समय कखनो-कखनो हमरा सभकेँ यकीन रहैत अछि जे ई काज ससमय समाप्त नहि होयत, परंतु हम अनुबंध पर हस्ताक्षर कऽ दैत छी।
एयर चीफ मार्शल कहलनि, ‘एहेन समय छल, जखनि हम भारतीय उद्योग पर सदिखन संदेह करैत रहैत छलौं जे ई ओ उत्पाद नहि दऽ सकैत छल जे हम सभ चाहैत छलौंह आ हम बाहरी दिशामे अधिक देखैत छलौं, मुदा विगत एक दशक सऽ बेसी समयमे परिस्थिति काफी बदलि गेल अछि। आब संसारक वर्तमान परिस्थिति हमरा बता देलक अछि जे आत्मनिर्भरता मात्र एकटा समाधान अछि, हमरा सभकेँ एखनिसँ भविष्यक लेल तैयार रहबाक जरुरत अछि।’
सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 केँ संबोधित करैत एयर चीफ मार्शल एपी सिंह कहला, हम ऑपरेशन सिंदूर केर रिकॉर्डमे राखय चाहैत छी, जकरा बारेमे हम बातचीत कय रहल छी। ई एकटा राष्ट्रीय जीत अछि। हम एतए उपस्थित प्रत्येक भारतीय केर धन्यवाद देब’। हम पक्का छी जे प्रत्येक भारतीय एहि जीतमे योगदान देलक अछि।
ओ कहलैन, ‘जखनि हम एक राष्ट्रक’ बात करैत छी तँ एहिमे हमर सभ सेना – थलसेना , नौसेना, वायु सेना, विभिन्न एजेंसी, उद्योग, डीआरडीओ एकटा पैघ श्रृंखलाक कड़ी छी। हमरा सभकेँ ई सुनिश्चित करबाक चाही जे हमर समूह, जाहि संग हम जुड़ल छी, ओ कमजोर समूह नहि होय ताकि ई श्रृंखला टूटय नहिं।
वायुसेना प्रमुख कहलनि, युद्धक चरित्र बदलि रहल अछि। प्रत्येक दिन हम नूतन प्रौद्योगिकीक खोज कऽ रहल छी। ऑपरेशन सिंदूर स्पष्ट रूपसँ बतओलक अछि जे हम कोन दिशामे जा रहल छी आ भविष्यमे हमरा की चाही। ताहि लेल अपन विचार प्रक्रियाकेँ पुन: निर्धारण करबा लेल बहुत काज करबाक आवश्यकता अछि, जे पहिनहिसँ चलि रहल अछि। भविष्यमे सेहो हम एक राष्ट्रक रूपमे माल वितरण करबामे सक्षम रहब आ अपन उद्देश्यक प्राप्तिमे सक्षम रहब। उन्नत मध्यम लड़ाकू विमानकेँ निजी उद्योगक भागीदारीक लेल मंजूरी सेहो देल गेल अछि, जे एकटा बहुत पैघ कदम अछि। ई ओहि प्रकारक विश्वास अछि जे आई देशक निजी उद्योग पर अछि आ हमरा यकीन अछि जे ई भविष्यमे आबि रहल पैघ चीज़ सभक मार्ग प्रशस्त करत।’
एडमिरल दिनेश त्रिपाठी कहलानि, प्रधानमंत्री मोदी ‘सागर’ क्षेत्रमे सुरक्षा आ विकासक स्पष्ट आह्वान कयलनि अछि। एहि विरासतकेँ आगू बढ़बैत सही मायनेमे ‘महासागर’ क्षेत्रमे सुरक्षा आ विकासकेँ पारस्परिक आ समग्र उन्नति तक बढ़ाओल गेल अछि।
सम्मेलनमे डीआरडीओक अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत कहलनि, ‘हमरा अनुसंधान आ विकासमे आओर बढ़िया निवेश करबाक आवश्यकता अछि। आई हम अपन रक्षा बजटक 5 प्रतिशत अनुसंधान आ विकास पर खर्च करैत छी। रक्षा मंत्री हमरा वादा कयलनि अछि कि अगिला पाँच वर्षमे एकरा धीरे-धीरे बढ़ा कऽ रक्षा बजट 10 प्रतिशत कय देल जायत।