जिलामे पर्यटनक दृष्टिकोणसँ विकसित मत्स्यगंधा झील पानिक कमीक कारण सूखा गेल अछि, ओतहि झील जंगल थाल द्वीपमे बदलि गेल अछि। जाहि केर कारण नाव आवागमन बाधित भऽ गेल अछि। पर्यटक सेहो रुकि गेल अछि। जिलाक एकमात्र पर्यटन स्थल रहितो ई उपेक्षित रहि गेल अछि। जखन कि साफ सुथरा रहला केर कारण दोसर जिला केर लोक भारी संख्यामे आबि रहल छल, मुदा मत्स्यगंधा झीलक सुखायब आ जंगलमे बदलला केर कारण ई जगह सुनसान पड़ल अछि। एकरामे कमलक फूल आ घास-फूस उपजि रहल अछि।जकर कारण नाव चलन ठिकेदारक एखन धरि लाखों टकाक नुकसान भेल अछि। संवेदक अमृतराज कहलनि जे, एहि संबंधमे जिला प्रशासनकेँ सेहो आवेदन दऽ जानकारी देल गेल आ सब बात मौखिक रूपसँ सेहो कहैत एकर नवीकरण आ पर्यटन स्थलक रूपमे विकसित करय पर ध्यान आकर्षित कयल गेल। ओ एहि झीलक स्थायी समाधान आ नाव परिचालन संचालित करबाक मांग कयलन अछि।जनतब दी 2021 मे लघु सिंचाई विभाग द्वारा सफाई कयल गेल छल मुदा उचित सफाईक अभावमे मत्स्यगंधा झीलमे जंगली घास पैघ पैमाना पर बढ़ल अछि। एकर अलावा पानिक कमीक कारण बहुत जगह पर माटिक द्वीप बनल अछि। ताहि वजहसँ नाव केर परिचालन पूर्ण रूपसँ ठप भऽ चुकल अछि। फरवरी 2024 मे तारांकित प्रश्न संख्या 2111 केर माध्यमसँ विधानसभामे आवाज उठल। एहि संबंधमे विधायक डॉ आलोक रंजन कहला जे झीलक सौंदर्यीकरण ठीकसँ नहि भऽ रहल अछि आ झीलकेँ ठीकसँ साफ नहिं हेबाक कारण नाव परिचालनमे बाधा बनल अछि। एकर जवाबमे सरकार वास्तविक स्थितिकेँ स्वीकार कय कऽ कहलकै कि साल २०२१ मे माइनर सिंचाई विभाग द्वारा झीलक सफाई कयल गेल । लेकिन वर्तमानमे झील केर नीचा जल भंडारण क्षेत्रमे बहुत जगह पर थाल देखाय पड़ि रहल अछि आ घास अधिक बढ़ला केर कारण नावक संचालनमे बाधा आबि रहल अछि । एकर अलावा विधायक मत्स्यगंधा झीलक उड़ाहीक आ झील केर दूनू घाट पर सीढ़ी आ रोशनी उपलब्ध करबाक मांग कयने छलाह। संगहि शहर केर विशिष्ट नागरिक, समाजसेवी आ स्थानीय जनप्रतिनिधि सब सेहो जिलाक गौरव सन स्थल मत्स्यगंधा झीलक शोभा बढ़ाओल जयबाक मांग करैत छथि।