सुप्रीम कोर्ट बिहारक सरकारी स्कूलमे पढ़ाबय वाला नियोजित शिक्षक सभकेँ बड़का झटका दैत स्पष्ट कयलक जे सरकारक नियमक अनुसार नियोजित शिक्षककेँ योग्यता परीक्षा देबय पड़त। जँ ओ नियमक पालन नहिं करैत छथि तँ हुनका नोकरी छोड़ि देबाक चाही।
सुप्रीम कोर्टक जस्टिस बीवी नागरत्ना आ जस्टिस उज्जल भुयानक वैकेशन बेंच परिवर्तनकारी प्राथमिक शिक्षक संघ आ बिहार प्राथमिक शिक्षक संघक याचिका केर खारिज करैत बृहस्पतिकेँ ई फैसला सुना देलक। सर्वोच्च न्यायालयक न्यायाधीश कहलनि जे या तँ अहाँ नौकरी छोड़ि दियौ नहि तँ योग्यता परीक्षा पास कऽ लिय। प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा योग्यता परीक्षा रद्द करबाक मांग कयल गेल छल। एहिसँ पहिने अप्रैलमे पटना उच्च न्यायालय सेहो याचिकाकर्ताक एहन माँगकेँ खारिज कऽ देने छल। सुप्रीम कोर्टक एहि फैसलासँ बिहारक लगभग चारि लाख नियोजित शिक्षककेँ बड़का झटका लागल अछि। नव शिक्षक नियमावलीक अनुसार, नियोजित शिक्षककेँ यदि राज्य कर्मचारीक दर्जा प्राप्त करय चाहैत छथि तऽ हुनका योग्यता परीक्षा पास करय पड़त, जाहि लेल बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) द्वारा योग्यता परीक्षा आयोजित कयल जा रहल अछि। न्यायालय कहलक जे राष्ट्रक निर्माणमे शिक्षकक महत्वपूर्ण भूमिका अछि। एहि परिस्थितिसभकेँ देखैत हुनका अपन कौशलमे सुधार लेल सदैव तैयार रहबाक चाही। बिहार सरकार पहिनेसँ स्पष्ट कऽ चुकल अछि जे योग्यता परीक्षा पूर्णतः वैकल्पिक अछि। परीक्षा पास करयवला नियोजित शिक्षककेँ राज्यक कर्मचारीक दर्जा, बीपीएससी शिक्षकक समान वेतन आ अन्य सुविधा भेटत।