भारतक आभूषण खुदरा क्षेत्रमे पछिला पाँच सालमे रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज कयल गेल अछि। एकर आय २०१९ मे ५,०४,४०० करोड़ टाकासँ बढ़ि कऽ २०२४ मे ६,४०,००० करोड़ टाका भऽ गेल अछि। ई जानकारी एकटा रिपोर्टमे देल गेल अछि।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवालक रिपोर्टमे कहल गेल अछि जे एकर मुख्य कारण हॉलमार्किंग, लोकक आमदनी बढ़ब आ उत्पाद पर बढ़ैत विश्वास अछि।
ब्रोकरेज अपन अनुमानमे कहलक जे आभूषण उद्योग वित्त वर्ष २८ धरि १५-१६ प्रतिशतक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) पर १४५ अरब डॉलरकेँ छूबाक आशा अछि।
वित्त वर्ष १९ आ वित्त वर्ष २४क बीच आभूषण क्षेत्रक आय लगभग ८ प्रतिशतक सीएजीआरसँ बढ़ल आ संगठित क्षेत्रमे लगभग १८-१९ प्रतिशतक सीएजीआरमे वृद्धि भेल।
एहेनमे उम्मीद अछि जे आबय वाला समयमे संगठित क्षेत्रक गहना बाजार २० प्रतिशतक सीएजीआर केर दरसँ बढ़त आ कुल बाजारक लगभग ४२ सँ ४३ प्रतिशत संगठित क्षेत्रसँ आओत।
रिपोर्टमे कहल गेल अछि जे उद्योगमे उछालक पाछाँ कतेको कारण अछि। एहिमे प्रति व्यक्ति आयमे वृद्धि, संगठित क्षेत्रक कम्पनीसभक खुदरा स्टोरमे नीक अनुभव, हॉलमार्किंगक माध्यमसँ आत्मविश्वास निर्माण आ नव उत्पाद (डिजाइन आ हीरा)क आगमन सम्मिलित अछि।
शीर्ष १० मे अन्य तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल आ उत्तर प्रदेश अछि। ई राज्य सम्पूर्ण खुदरा नेटवर्कमे ७८ प्रतिशत योगदान दैत अछि आ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मे ६८ प्रतिशत योगदान दैत अछि।
ब्रोकरेज हाउसक कहब अछि जे आब पहिलुक तुलनामे बेसी ग्राहक संगठित क्षेत्रमे गहना कीनब पसिन्न कऽ रहल छथि। वित्त वर्ष २०१८ मे गहना बजारक आकार ४८ सँ ५० अरब डॉलर छल। संगठित बजारक हिस्सेदारी २० सँ २२ प्रतिशत छल।
पिछला तीन साल उद्योगक लेल बहुत नीक रहल अछि। एहि अवधिमे संगठित क्षेत्रक बाजार हिस्सेदारी २० प्रतिशतसँ बढ़ि कऽ ३० प्रतिशत भऽ गेल अछि।