Jyotish

३०-०५-२०२४, बृहस्पति आजुक राशिफल :- (ज्यो. पं. अजय नाथ झा शास्त्री )

आजुक राशिफल :-

(ज्यो. पं. अजय नाथ झा शास्त्री )

मुख्य प्रभावी ग्रह : बुध

मेष (चू चे चो ला ली लू ले लो आ) : अनुकूल ग्रह – चंद्र

अभिलाषाक पूर्ति एवं अनुकूल समयक आगमन। आमदमे वृद्धिक योग अछि। काज-धंधामे मोन लागत। आशान्वित एवं उत्साहित रहब। शिव आराधना कल्याणकारी।

वृषभ (इ उ ए ओ वा वी वू वे वो) : अनुकूल ग्रह – चंद्र

अनुकूलताक प्रवेश। आमद संतोषजनक। मोनमे आशा एवं उत्साह। प्रतीक्षाक उपरांत लाभ संभव। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

मिथुन (का की कू घ गं छा के को हा) : अनुकूल ग्रह –

संयमपूर्वक अनुकूलताक प्रतीक्षा करु। सहनशीलता उत्तम। अपन काजमे लागल रही, विवादसँ दुर रहय केर चेष्टा करी। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

कर्क (ही हू हे हो डा डी डू डे) : अनुकूल ग्रह –

अपना आपकेँ नियंत्रित करय केर अभ्यास करैत रही।सहनशीलता उत्तम औषधि होइछ, सभ तरहक समय आखिर बीत जाइते छैक। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

सिंह (मा मी मू मे मो टा टी टू टे) : अनुकूल ग्रह – चंद्र

समय अनुकूल अछि। मनोकामनाक पूर्ति संभव। आलस्यसँ बँची, सावधानी पूर्वक अपन काजमे आगू बढ़ैत रहू। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

कन्या (टो पा पी पु षा णा ठा पे पो) : अनुकूल ग्रह – चंद्र

समय सुधरयवाला अछि। अपन काजमे मोन लगाबी। आशा सफलीभूत होबाक हेतु अग्रसर अछि। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

तुला (रा री रु रे रो ता ती तू ते) : अनुकूल ग्रह –

धीरजपूर्वक अनुकूलताक प्रतीक्षा करी। कठिन परिश्रमसँ लाभ संभव। सहनशीलता लाभदायक होयत। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

वृश्चिक (तो ना नी नू ने नो या यी यू) : अनुकूल ग्रह –

अनुकूलताक प्रतीक्षा करु, तन्मयतापूर्वक अपन काजमे लागल रही, अनावश्यक दखल अंदाजीसँ बँची। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

धनु (ये यो भा भी भू धा फा ढा) : अनुकूल ग्रह – चंद्र

अनुकूल समय अछि। आमदक स्थित उत्तम। कर्मठतासँ लाभ, बन्धु बान्धवमे प्रसन्नता। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

मकर (भो जा जी खी खू खे खो गा गी) : अनुकूल ग्रह –

औसत अनुकूल समय रहत, अपन काजमे लागल रही, अनावश्यक दखलसँ बँची। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

कुंभ (गू गे गो सा सी सू से सो दा) : अनुकूल ग्रह – चंद्र

समयमे अनुकूलता आओत। आमदमे वृद्धिक योग अछि। उत्साहमे वृद्धिसँ मोन आशान्वित रहत। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

मीन (दी दू झा ज्ञा था दे दो चा ची) : अनुकूल ग्रह –

सहनशीलता धारण कयने रहू। अपन काजमे यत्नपूर्वक लागल रही। बाहरी दखल अंदाजी आ अंतर्कलह सँ बँची। सतत शिव आराधना कल्याणकारी।

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