भगवान शिवक शिष्यत्व एवं शिवचर्चा पर मुख्यालय राँची उपवनसँ जारी निर्देशानुसार उपस्थित महिषी क्षेत्रक गोरहो घाटमे जवाहर गुरु भाईक स्थान पर एकगोट महत्वपूर्ण बैसार आयोजित कयल गेल। जाहिमे शिव शिष्य भाई परमेश्वर कहलनि कि भगवान शिव गुरु छथि आ शिवक शिष्य बनल रहब आ शिष्यत्वक अवस्थामे ठाढ़ रहब जरूरी अछि। ओ कहलनि जे भगवान शिव सदा सभ युग सत्ययुग, त्रेता, द्वापर आ वर्तमान कलियुगमे गुरुक रूपमे प्रतिष्ठित छथि। शिष्य लोकनि कहलनि जे साहिब श्री हरिन्द्रानंद जी द्वारा देल गेल पहिल सूत्र अछि जे हे शिव, अहाँ हमर गुरु छी। हमर एहि वचनकेँ गहराईमे प्रवेश कय अहाँ सेहो भगवान शिवक शिष्यत्वसँ प्राप्त अनुभवक अपन जीवनमे अनुभव कय सकैत छी। संगहि, जँ हम आ अहाँ साहेब श्री द्वारा देल गेल पहिल आ तेसर सूत्रक पालन करब तखन शिव अहाँकेँ दोसरकेँ शिव शिष्य बनेबामे सहायता करय लगैत छथि। ओ कहलनि जे साहेब श्री हरिन्द्रानंद जी अपन साधना केर बल पर रांचीक गाछीसँ भगवान शिवक शिष्यत्वक विस्तार कयलनि आ आइ ओतयसँ जारी निर्देशक पालन करैत हम गुरु भाई बहिन सब अगिला ३० जून तक खुला आकाशक नीचा अपन गुरुक पूजाक आयोजन नहिं करब। ओ कहलनि जे, तेज रौद, आर्द्रता आ अत्यधिक गर्मीकेँ देखैत सरकार एकरासँ बचबाक सलाह सेहो देलक अछि। एकर पालन कए हम सब साप्ताहिक या एक दिनक शिव चर्चा निजी स्थान पर, बंद दरबज्जाक पाछु, या कोनो सार्वजनिक हॉलमे करी। एहि
मौका पर जवाहर पंडित, सुरेश, माधव मुखिया, अशोक राम, अशोक झा, शशि यादव , डोमी राम, गजेन्द्र यादव संबोधित करैत अपन-अपन अनुभव साझा कयलनि।