चुनाव

‘कांग्रेस पीएसयू बिगाड़लक, हम संवारलौं’, वित्त मंत्रीक राहुल गांधीकेँ आंकड़ाक संग प्रतिउत्तर

नई दिल्ली
*

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कांग्रेस पार्टी आ राहुल गाँधीक दावापर खुलि कऽ प्रतिक्रिया देलनि अछि। ओ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखलनि जे कांग्रेस पार्टी आ राहुल गाँधी द्वारा बेर-बेर ई दावा जे वर्तमान सरकारक अधीन सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम (पीएसयू) केँ ध्वस्त कयल जा रहल अछि आ ओ अव्यवस्थाक शिकार भऽ गेल अछि, ई ‘उल्टा चोर कोतवालकेँ डाँटय’ केर उदाहरण अछि, किएक तँ एहि विषयमे जे तथ्य सामने आबि रहल अछि, ओ सभ बहुत अलग चित्र देखाबैत अछि। ओ आगू लिखलनि जे कांग्रेसक नेतृत्ववला यूपीए सरकारक अधीन सार्वजनिक उद्यमसभकेँ घाटा भेल। यूपीए सरकारक समयमे उपेक्षित सार्वजनिक उपक्रम, जेना हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)मे मोदी सरकारक अधीन पुनरुत्थान देखल गेल। पीएम मोदीक नेतृत्वमे सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम फल-फूलि रहल अछि। एकर सङ्गहि हुनकर स्टाॅक प्रदर्शनमे सेहो काफी वृद्धि भेल अछि। संगहि सरकारक प्रयाससँ हुनक प्रदर्शन सुधारबामे सहायता भेटल अछि आ निवेशकसभक विश्वास सेहो एहिमे बढ़ल अछि। एकर सङ्गहि सरकार द्वारा बुनियादी ढाँचाक विकास, बिजली, रसद आदि पर ध्यान केन्द्रित कयलासँ रेलवे, सड़क, बिजली, धातु, निर्माण, भारी उपकरण निर्माण आदिमे सार्वजनिक उपक्रमसभकेँ सीधा लाभ भेटल अछि। मोदी सरकारक पहल सार्वजनिक क्षेत्रक बैंक (पीएसबी) केँ यूपीए कालमे उत्पन्न बैंकिंग संकटसँ उबरबामे सहायता कयलक अछि। पीएसबीमे एनपीए एक दशकक निचला स्तर ३.२% पर आबि गेल अछि आ मुनाफा रिकॉर्ड उच्च स्तरपर अछि। मोदी सरकारक अधीन सार्वजनिक उपक्रमक कार्यप्रणाली आ वित्तीय स्थितिमे बदलाव देखबाक लेल वित्तीय वर्ष २०१३-१४ आ २०२२-२३क बीच तुलना आवश्यक अछि। ३१ मार्च २०२३ धरि, सभ सीपीएसईक कुल प्रदत्त पूँजी ५.०५ लाख करोड़ रुपैया छल। यद्यपि, वित्तीय वर्ष २०१३-१४मे ई १.९८ लाख करोड़ रुपैया छल, जकर अर्थ अछि जे आब ई ओहि समयक तुलनामे १५५% बेसी अछि। वित्त वर्ष २०१४ केर दौरान सीपीएसईक संचालनसँ कुल सकल राजस्व २०.६१ लाख करोड़ छल, जे २०२३ मे ३७.९० लाख करोड़ अछि अर्थात ८४% क वृद्धि दर्ज करैत अछि। संगहि, लाभ कमाबय बला सीपीएसईक बात करब तऽ २०१४ मे एकर शुद्ध लाभ १.२९ लाख करोड़ छल, जे वित्त वर्ष २०२३ मे ८७% के वृद्धिक संग बढ़ि कऽ २.४१ लाख करोड़ भऽ गेल अछि। उत्पाद आ सीमा शुल्क, जीएसटी, कॉर्पोरेट कर, लाभांश आदिक माध्यमसँ सरकारी खजानामे सभटा सीपीएसईक योगदान वित्त वर्ष २०२३ मे ४.५८ लाख करोड़ अछि, जखन कि वित्त वर्ष २०१४ मे २.२० लाख करोड़ छल अर्थात ई सेहो १०८% बढ़ल अछि। सभ सीपीएसईक कुल संपत्ति ३१ मार्च २०१४ धरि ९.५ लाख करोड़ टाकासँ बढ़ि कऽ वित्त वर्ष २०२३ धरि १७.३३ लाख करोड़ रुपैया भऽ गेल, जे ८२% केर वृद्धि अछि। ३१ मार्च २०२३ धरि सभ सीपीएसई द्वारा नियोजित पूँजी ३८.१६ लाख करोड़ अछि, जे ३१ मार्च २०१४ धरि १७.४४ लाख करोड़ सँ ११९% बेसी अछि। सार्वजनिक उपक्रमक नीक प्रबंधनक कारणेँ पछिला ३ सालमे ओकर शेयरक दाम बेस बढ़ल अछि। एहि अवधिमे सभटा ८१ सूचीबद्ध सार्वजनिक उपक्रम (६२ सीपीएसई, १२ पीएसबी, ३ सार्वजनिक क्षेत्र बीमा कंपनी आ आईडीबीआई बैंक)क कुल बाजार पूंजीकरणमे २२५ प्रतिशतक वृद्धि भेल अछि। लगभग ७८.८% के निफ्टी सीपीएसई रिटर्न निफ्टी ५०० (२७.४%) आ निफ्टी ५० (२२.५%) सँ काफी बेसी भऽ गेल अछि। सार्वजनिक क्षेत्रक १२ सूचीबद्ध बैंक (पीएसबी)क बाजार पूंजीकरण २.९५ गुना (१९५%) बढ़ल अछि। जे ३१ मार्च २०२१ धरि ५.४५ लाख करोड़ रुपैया छल, ३१ मार्च २०२४ धरि ई १६.१२ लाख करोड़ रुपैया भऽ गेल अछि। एहि सभ सीपीएसईमेसँ १५ सीपीएसई ७६% सँ बढ़ि कऽ १००% भऽ गेल अछि, जाहिसँ निवेशकसभक विश्वास बढ़ि गेल अछि। संगहि, २५ सीपीएसई ५१% सँ ७५% के बीच वृद्धि दर्ज कयलक अछि। जखनि कि, २८ सीपीएसई २६% सँ ५०% केर सीमाक भीतर लगातार विस्तार कयलक अछि। वित्त मंत्री आगू लिखलनि जे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीक नेतृत्ववला एनडीए सरकारक समयमे सेहो बेहतर प्रबंधनक कारण पीएसयू शेयरक प्रदर्शन यूपीएसँ नीक रहल। 1999-2004 (एनडीए) केर दौरान : पीएसयू सूचकांक 300% सँ बेसी बढ़ल, जे बीएसई सेंसेक्स के 70% के बढ़ोत्तरी केर पार कऽ गेल। 2004-09 (यूपीए-१) केर दौरान : पीएसयू सूचकांक 60% बढ़ल, मुदा ई सेंसेक्स विकास दरक मात्र आधा छल। 2009-14 (यूपीए – II) के दौरान : पीएसयू सूचकांकमे 6% केर गिरावट आयल, जखन कि बेंचमार्कमे 73% केर वृद्धि भेल। ओ आगू लिखलनि, “राहुल गाँधी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) पर सेहो दुर्भावनापूर्ण बयान देने छलाह। जखनिकि, हुनकर दावाक विपरीत, मोदी सरकारक अधीन एचएएलक बाजार मूल्यांकन मात्र ४ सालमे १३७०% बढ़ि गेल अछि, जे २०२० मे १७,३९८ करोड़ सँ ७ मई, २०२४ धरि २.५ लाख करोड़ भऽ गेल अछि। “एचएएल ३१ मार्च २०२४ केँ वित्त वर्ष २०२३-२४ लेल अपन एखन धरिक सबसँ बेसी २९,८१० करोड़सँ बेसी राजस्वक घोषणा कयलक आ एकर ऑर्डर बुक ९४,००० करोड़सँ बेसी अछि। ई आंकड़ा एकटा ‘कमजोर’ संस्थाक संकेत नहिं दैत अछि, बल्कि एकटा महत्वपूर्ण मजबूत संस्थानक संकेत दैत अछि। ओ आगू लिखलनि, “ई कांग्रेस पार्टी छल जे एचएएल सन अपन संस्थानकेँ मजबूत करबाक बदला आयात पर बेसी निर्भर रहि भारतकेँ लकवाग्रस्त कऽ देलक। ऐतिहासिक रूपसँ कांग्रेस आयात पर निर्भरताकेँ बढ़ावा दैत हमर देशक वैज्ञानिक आ इंजीनियर पर विश्वासक कमी देखौलक अछि, जे कतेको वर्ष धरि भारतकेँ दुनियाक सबसँ पैघ हथियार आयातक रूपमे रेखांकित कयलक अछि।

मात्र मोदी सरकारक अधीन हम एकटा महत्वपूर्ण परिवर्तन देखि रहल छी – भारत आयात-निर्भर राष्ट्रसँ बदलि रहल अछि, जे आब गर्वसँ हथियार निर्यातकक भूमिकामे कदम राखि रहल अछि। ओ आगू लिखलनि जे देशमे बढ़ल रक्षा व्यय आ रक्षाक क्षेत्रमे ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करबाक लक्ष्यसँ बीईएल, एचएएल, मझगांव डॉक आदि सार्वजनिक उपक्रमक विकासकेँ बढ़ावा भेटल अछि। असगर वित्त वर्ष २०२३-२४ मे भारत २१,००० करोड़ टाकाक हथियारक निर्यात कयलक अछि। ई उपलब्धि हमर सरकार द्वारा अपन वैज्ञानिक आ इंजीनियर पर देल गेल दृढ़ विश्वासकेँ दर्शाबैत अछि। संगहि विनिवेशक बाद लोकक नौकरीक नोकसानक संबंधमे सेहो झूठ दावा कयल जाइत अछि। उदाहरणक लेल एयर इंडियाकेँ लिअ। खरीदारक लेल सरकारक ई पूर्व शर्त छल जे १ सालक अवधिक लेल कर्मचारीकेँ हटायब वा छंटनी नहिं होयत। एकर अतिरिक्त, १ सालक बाद सेहो छंटनीसँ पहिने स्वैच्छिक सेवानिवृत्तिक प्रस्ताव देल जायत। कानूनक अनुसार एहिमे पीएफ आ ग्रेच्युटीक लाभ सेहो देल गेल। तकर बाद, पारदर्शी विनिवेशक बाद संचालनमे उल्लेखनीय सुधार भेल अछि। एयर इंडियामे रोजगारक अवसरमे उल्लेखनीय वृद्धि भेल अछि, निजीकरणक बादसँ ७५०० सँ बेसी नव कर्मचारी (फ्लाइंग आ ग्राउंड स्टाफ दुनू) कम्पनीमे शामिल भऽ चुकल छथि। तेँ हजारो लोक कम्पनीमे शामिल भऽ गेल छथि, नोकरी छूटि जयबाक बात छोड़ि दियौक। एयर इंडिया अपन बेड़ाक विस्तारक लेल बोइंग आ एयरबससँ ७० अरब डॉलरक अनुमानित लागतसँ ४७० विमान किनबाक लेल तैयार अछि। निजीकरणक बाद एन.आई.एन.एल. (नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड) मे सेहो एहने बदलाव आयल अछि। अधिग्रहणक ३ मास (२२ अक्टूबर)क भीतर संयंत्र परिचालन शुरू कऽ देलक। स्टार्टअपक ६ मासक भीतर ब्लास्ट फर्नेसक उत्पादन १.१ एमटीपीएक पूर्ण क्षमता धरि बढ़ा देल गेल छल। कोक संयंत्रक मरम्मत भऽ चुकल अछि आ सितम्बर २०२३मे उत्पादन शुरू भऽ गेल अछि। ओतहि विनिवेशसँ कर्मचारीकेँ 387.08 करोड़ रुपया केर भुगतान कयल गेल। एहनमे सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रमक संबंधमे कांग्रेस आ राहुल गांधीक दावा एकदम निराधार अछि।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *