समारोह

सी. एम. साइंस कालेजमे दू दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू

‘बौद्धिक संपदा आ रसायन विज्ञानमे नवाचार’ विषय पर देश-विदेशक विषय विशेषज्ञ द’ रहलनि व्याख्यान
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दरभंगा समदिया
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सी. एम. साइंस कॉलेज, दरभंगामे दू दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठीक भव्य शुभारंभ शुक्रदिन भेल। ‘बौद्धिक संपदा आ रसायन विज्ञानमे नवाचार’ विषय पर आयोजित एहि अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठीमे देश-विदेशक अनेक प्रख्यात वैज्ञानिक, शिक्षाविद विशेषज्ञ आ शोधार्थी भाग ल’ रहल छथि। महाविद्यालयक प्रधानाचार्य सह संगोष्ठी संयोजक प्रो दिलीप कुमार चौधरीक अध्यक्षतामे आयोजित उद्घाटन सत्रमे शुक्रदिन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी मंचासीन अतिथि लोकनिक संग मिलि ज्ञान ओ नवाचारक प्रकाश पुँजक प्रतीक दीप कें प्रज्ज्वलित क’ कयलनि। अपन संबोधनमे ओ वैज्ञानिक शोध कें बौद्धिक संपदाक अधिकारक माध्यम सँ संरक्षित करबाक जरूरति पर बल दैत एकरा वर्तमान समयक आवश्यकता बतेलनि। ओ रसायन विज्ञानक भूमिका कें ऊर्जा, स्वास्थ्य आ पर्यावरणीय समस्याक समाधान सँ जोड़ैत एकर महत्व पर विस्तार सँ प्रकाश डाललनि। अपन संबोधनमे ओ एहि आयोजन कें अभूतपूर्व बतबैत शोध विश्वविद्यालयक रूपमे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक महत्वपूर्ण अध्यायक रूपमे इंगित कयलनि।

बतौर विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनोद कुमार ओझा छात्र आ शोधकर्ता कें अकादमिक उत्कृष्टताक दिशामे प्रेरित करैत अपन विचार सँ सबकें प्रभावित कयलनि। महाविद्यालयक बर्सर सह भौतिकी विभागाध्यक्ष डा. उमेश कुमार दास रसायन शास्त्र सहित विज्ञानक विभिन्न विषय सँ जुड़ल नवाचार कें सामाजिक आ औद्योगिक क्षेत्र सँ जोड़ल जयबाक आवश्यकता पर बल देलनि।

अधयक्षीय संबोधनमे विश्वविद्यालयक डीन साइंस प्रो. दिलीप कुमार चौधरी रसायन विज्ञानमे भ’ रहल वैश्विक शोध काजक सराहना करैत उच्च शिक्षण संस्थानमे बौद्धिक संपदा सँ जुड़ल शिक्षाक समावेशन पर जोर देलनि। एहि सँ पहिले संगोष्ठी केर संगठन सचिव डा. वी. डी. त्रिपाठी अतिथि लोकनिक स्वागत कयलनि। संगोष्ठीक विषय प्रवेश करबैत ओ कहलनि जे ई संगोष्ठी मात्र एकटा शैक्षणिक आयोजन भरि नहि, अपितु बौद्धिक संपदाक संरक्षण केर प्रति जागरूकता पसारबाक दिशामे एकटा महत्वपूर्ण प्रयास अछि।

उद्घाटन सत्रक बखूबी संचालन रसायन विभागक शिक्षिका डा. निधि झा आ धन्यवाद ज्ञापन डा. शाकिर अहमद कयलनि। उद्घाटन सत्रमे संगोष्ठीक स्मारिका केर विमोचन सेहो अतिथि लोकनिक कर-कमल सँ कयल गेल। शुक्रदिन संपन्न भेल तकनीकी सत्रमे चारि विशेषज्ञ वक्ता लोकनिक मुख्य व्याख्यान भेल। डा. अरुण कुमार (जर्मनी) ग्रीन केमिस्ट्री आ अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पद्धति पर आनलाइन मोडमे व्याख्यान देलनि। एहिमे ओ प्रयोगशालामे कयल गेल नवाचार कें बौद्धिक संपदा अधिकारक अंतर्गत संरक्षित करबाक रणनीति कें विस्तार सँ रेखांकित कयलनि। बनारस हिंदू विश्वविद्यालयक प्रो. विनोद कुमार तिवारी अपन शोध बेंजोट्रियाजोल रिंग क्लीवेज विषय पर व्याख्यान दैत बतेलनि जे ई पद्धति कोना पर्यावरण-अनुकूल आ उच्च उत्पादकता बला अछि, जाहिमे औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थक पुनः उपयोग क’ जैव-सक्रिय यौगिकक निर्माण कयल जाइत अछि।

विश्वविद्यालय ऑफ अल-क़ादिसियाह, इराक सँ डा. हसन शामरान मोहम्मद, एजो डाइज केर प्रयोग द्वारा पीएच आ फिंगरप्रिंट डिटेक्शन पर व्याख्यान दैत अनेक महत्वपूर्ण जानकारी देलनि, जे फोरेंसिक विज्ञान, फोटोक्रोमिक यौगिकों आ चिकित्सा अनुसंधानमे बेहद उपयोगी अछि।

सी. एम. कॉलेजक वाणिज्य विभागाध्यक्ष डा. ललित शर्मा, भारतीय उद्योग कें सशक्त बनेबामे पेटेंट आ ट्रेडमार्क केर भूमिका पर प्रकाश दैत कहलनि जे आइ केर प्रतिस्पर्धी युगमे स्टार्टअप केर भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण अछि। पोस्टर प्रेजेंटेशन सेशनमे देश भरिक विभिन्न विश्वविद्यालयक छात्र, छात्रा आ शोधकर्ता अपन नवीन शोध कार्य सँ संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत कयलनि।

करीब पाँच दर्जन सँ बेसी प्रस्तुत शोध-पत्रमे रसायन विज्ञानक विविध आयाम कें दर्शायल गेल। संगोष्ठीक खास बात ई जे आमंत्रित व्याख्यान आ मौखिक प्रस्तुति समानांतर सत्रमे आयोजित कयल गेल, जतय युवा शोधकर्ता कें विशेषज्ञ सँ मरामर्श हासिल करबाक आ अपन बात रखबाक स्वर्णिम अवसर भेटल। संगोष्ठीमे आईआईटी, बीएचयू, सीडीआरआई आ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सहित देश-विदेशक शिक्षण संस्थानक पाँच दर्जन सँ बेसी प्रतिभागी भाग लेलनि।

संगोष्ठीक दोसर दिन प्लेनरी व्याख्यान, आईपीआर पर कार्यशाला आ “रासायनिक अनुसंधान, नवाचार आ व्यावसायीकरण: कानूनी आ नैतिक आयाम” विषय पर विशेष पैनल चर्चाक आयोजन कयल जायत।

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