विधि-व्यवस्था की मुफ्त योजनासँ हम परजीवी वर्ग नहि तैयार कऽ रहल छी ? : सर्वोच्च न्यायालय February 13, 2025 Maithil Punarjagran Prakash नई दिल्ली * बुधदिन एकटा मामिलाक सुनवाईक क्रममे सर्वोच्च न्यायालय राजनीतिक दलसभ द्वारा चुनावमे मुफ्त वादा कयलापर नाराजगी व्यक्त करैत कहलक जे जँ लोकसभकेँ मुफ्त राशन आ पाइ भेटैत रहत तँ ई हुनकर काज करबाक इच्छाकेँ कम कऽ देत। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई आ ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शहरी क्षेत्रमे बेघर लोकनिकेँ आश्रय देबाक माँग करयवला एकटा याचिकापर सुनवाई करैत ई टिप्पणी कयलनि। सुनवाईक दौरान पीठ कहलक, ‘मुफ्त योजनाक कारण लोक काज नहि करय चाहैत छथि। हुनका सभकेँ मुफ्त राशन भेटि रहल अछि आ बिना कोनो काज कयने पाइ भेटि रहल अछि। याचिकाकर्ताक वकील प्रशांत भूषण पीठकेँ सूचित कयलनि जे सरकार पछिला किछु सालसँ शहरी क्षेत्रमे आश्रय योजनाक वित्तपोषण बन्द कऽ देलक अछि। एकर परिणामस्वरूप एहि जाड़मे ठंढासँ ७५०सँ बेसी बेघर लोकक मृत्यु भऽ चुकल अछि। याचिकाकर्ता कहलनि जे गरीब लोक सरकारक प्राथमिकता नहि अछि आ मात्र अमीरक देखभाल कयल जा रहल अछि। सर्वोच्च न्यायालय एहि टिप्पणीपर अप्रसन्नता व्यक्त कयलक आ कहलक जे अदालतमे राजनीतिक बयानबाजीकेँ अनुमति नहि देल जायत। न्यायमूर्ति गवई कहलनि, ‘ई कहब दुखद अछि, मुदा बेघर लोककेँ समाजक मुख्यधारामे शामिल नहि कयल जेबाक चाही जाहिसँ ओ देशक विकासमे सेहो योगदान दऽ सकथि? की हम एहि तरहें परजीवी सभक एकटा वर्ग नहि बना रहल छी? मुफ्त योजनाक कारण लोक काज नहि करय चाहैत छथि। बिना कोनो काज केने हुनका मुफ्त राशन भेटि रहल अछि। केन्द्र सरकारक प्रतिनिधित्व करैत अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी पीठकेँ सूचित कयलनि जे केन्द्र सरकार शहरी क्षेत्रमे गरीबी उन्मूलनक प्रक्रियाकेँ अन्तिम रूप दऽ रहल अछि, जाहिमे शहरी क्षेत्रमे बेघरलोकनिकेँ आश्रय देबाक प्रावधान सेहो शामिल होयत। तखन पीठ हुनका केंद्र सरकारसँ परामर्शक बाद स्पष्ट करबाक लेल कहलक जे एहि योजनाकेँ लागू करबामे कतेक दिन लागत। एकर बाद सर्वोच्च न्यायालय एहि मामिलाक सुनवाई छह सप्ताहक लेल स्थगित कऽ देलक। चुनाव आयुक्तक नियुक्तिसँ सम्बन्धित नव कानूनकेँ चुनौती देबयवला याचिकाक सुनवाईक तिथि निर्धारित कयल गेल अछि। सर्वोच्च न्यायालय बुधदिन घोषणा कयलक जे ओ एहि मामिलाक सुनवाई १९ फरवरीकेँ करत। न्यायमूर्ति सूर्यकांत आ न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंहक पीठ याचिकाकर्ता एनजीओ दिससँ उपस्थित वकील प्रशांत भूषणकेँ सूचित कयलक। वकील प्रशांत भूषण याचिकापर शीघ्र सुनवाई करबाक अपील कयलनि किएक तँ नव मुख्य निर्वाचन आयुक्तक नियुक्ति निकट अछि। एहि कानूनकेँ चुनौती देबय बला याचिका एकटा एनजीओ द्वारा दायर कयल गेल छल। Spread the love