पिछला पांच वित्तीय वर्ष 2020-21 सँ 2024-25 धरि 91,370 मामिलामे कर अधिकारीक कार्यवाहीमे 7.08 लाख करोड़ रूपयाक वस्तु आ सेवा कर (जीएसटी) चोरीक पता चलल अछि। ई जानकारी सोमदिन संसदमे देल गेल अछि।
एहि पांच सालमे पता चलल 44,938 मामिलामे जे राशि चोरी भेल अछि ओहिमे सँ 1.79 लाख करोड़ रूपया आईटीसीक धोखाधड़ीक छल।
एहि दौरान स्वैच्छिक जमाक माध्यमसँ वसूली जीएसटीक राशि 1.29 लाख करोड़सँ बेसी रहल।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभामे प्रस्तुत आंकड़ाक अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25मे सीजीएसटीक फील्ड अधिकारीकेँ 2.23 लाख करोड़सँ बेसीक जीएसटी चोरीक पता चलल अछि।
वित्तीय वर्ष 2023-24 मे कर प्राधिकारी द्वारा पता चलल जीएसटी चोरी 2.30 लाख करोड़सँ उपर धरि पहुंचि गेल, जाहिमे आईटीसीक धोखाधड़ी 36,374 करोड़ रूपया छल।
तहिना 2022-23 मे करीब 1.32 लाख करोड़क जीएसटी चोरीक पता चलल, जाहिमे आईटीसीमे 24,140 करोड़क धोखाधड़ी शामिल अछि।
वित्तीय वर्ष 2021-22 मे 73,238 करोड़क जीएसटी चोरीक पता चलल, जाहिमे 28,022 करोड़ आईटीसी धोखाधड़ी छल, जखनि कि 2020-21 मे 49,384 करोड़क जीएसटी चोरीक पता चलल, जाहिमे 31,233 करोड़ टका आईटीसी धोखाधड़ी छल।
राज्य मंत्री इहो कहलनि जे, वित्तीय वर्ष 2024-25मे शुद्ध सीजीएसटी वसूली संशोधित अनुमान (आरई) 96.7 प्रतिशत अछि।
ओ कहलनि, “केंद्र सरकार जीएसटी कर चोरी रोकय लेल विभिन्न कदम उठाबैत अछि, जेना कि ई-चालानक माध्यमसँ डिजिटाइजेशन, जीएसटी एनालिटिक्स, सिस्टम द्वारा फ्लैग कयल गेल बेमेलक आधार पर आउटलायरकेँ उजागर करनाई, कारवाई योग्य अंतर्दृष्टि उपलब्ध करेनाई आ विभिन्न जोखिम पैरामीटरक आधार पर जांच लेल रिटर्न आ करदाताक ऑडिट लेल चुननाई। ई उपाय राजस्वकेँ सुरक्षा आ कर पकड़ैमे सहायक अछि।”