बृहस्पतिकेँ दिल्लीमे आयोजित ‘महिला न्याय संवाद’ मे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एकटा पैघ घोषणा करैत कहलनि कि राज्यसभा, लोकसभा आ विधान सभामे महिलाकेँ जगह देब ।
ओ कहला जे ओ चाहैत छथि जे एहि ठाम ५० प्रतिशत महिला रहथि। सरकारी नौकरीमे महिलाकेँ ५० प्रतिशत आरक्षण देल जाएत। जा धरि महिला भाग नहिं लेत ता धरि ई देश प्रगति नहि कय सकैत अछि।
उत्तर-पश्चिम दिल्लीसँ कांग्रेस उम्मीदवार उदित राजकेँ वोट देबाक अपील करैत राहुल गांधी कहला जे महिला आ पुरुष दुनू काज पर जाइत छथि, मुदा जखन महिला घर वापस अबैत छथि त हुनकर दोसर पारी शुरू भऽ जाइत अछि। बच्चा सभक पालन-पोषण करैत छथि आ बीमार पड़ला पर ओकर देखभाल करैत छथि । घरमे भोजन बनबैत छथि, सबहक देखभाल करैत छथि आ एहि लेल महिलाकेँ कहियो किछु नहिं देल जाइत छैक। एक तरहेँ ओ ई सब मुफ्तमे करैत छथि ।
ओ आगू कहलनि जे ई सही अछि जे भारतीय पुरुष ८ घंटा काज करैत छथि तऽ महिला १६ घंटा काज करैत छथि। पाइ खर्च करबाक तरीका स्त्री-पुरुषमे अलग-अलग होइत छैक। महिला पाइ बचाउ, बच्चाक बारेमे सोचू, आगूक योजना बनाउ। स्त्रीगणक आर्थिक सोच पुरुषसँ नीक अछि । सरकार एहि ८ घंटा लेल महिलाकेँ टका देत। हम सब नहिं चाहैत छी जे अहाँ मुफ्तमे काज करी, ताहि लेल हम सब ‘महालक्ष्मी योजना’ अनने छी। महालक्ष्मी योजनाक तहत ८५०० टका प्रति माह यानी एक लाख टका प्रति वर्ष महिलाक बैंक खातामे जाएत।
ओ कहला जे गरीबी रेखासँ नीचा रहनिहार महिलाकेँ इ लाभ भेटत। एकर पाछु सोच इ अछि जे महिला परिवारकेँ आर्थिक रूपसँ मजबूत बना सकैत छथि। दोसर बात जे अहाँ मुफ्तमे काज करैत छी, हमर सबहक सोच अछि जे मुफ्तमे काज नहिं करबाक चाही। तेसर बात ई जे जँ महिलाकेँ पाइ देल जायत तखन दुरदृष्टिसँ सोचत। हमरा लोकनि जनैत छी जे महिलाक आवाज दबाओल जाइत अछि । घरमे दबल रहैत अछि, समाजमे दबल रहैत अछि, सड़क पर धमकी देल जाइत अछि।
एकटा पैघ हमलामे राहुल गांधी कहला जे भाजपा संसदमे बहुत धूमधामसँ महिला आरक्षण विधेयककेँ पारित कयलक। एकर बाद ओ कहलनि जे, १० साल बाद एकरा लागू करब। सर्वेक्षण होयत आ तखन ओकरा लागू कयल जायत। ई लोकनि सर्वेक्षण तक नहिं करताह। २०, २५, ५० सालमे सेहो सर्वेक्षण नहिं होबए वाला अछि। हुनकर सबसँ पैघ संस्था आरएसएस अछि आ ओ सब आरएसएसमे महिलाकेँ स्वीकार नहिं करैत छथि। हम सब ई नहिं करब, अहाँ सबकेँ तुरंत महिला आरक्षण दऽ देब।